नहाना दैनिक जीवन की एक प्रक्रिया है नहाने से शरीर जहां साफ होता है तो वहीं इससे मन भी शांत होता है। रोजाना स्नान करना काफी जरूरी है। स्नान को लेकर भी हमारे शास्त्रों में काफी कुछ बताया गया है। हिंदू धर्म ग्रंथों में हर एक काम के कुछ न कुछ नियम बनाए गए हैं। इसी तरह स्नान को लेकर भी शास्त्रों में नियम है। इस आर्टिकल में हम आपको स्नान के एक खास नियम के बारे में बताने जा रहे हैं।
तो आइए इस बारे में जाने।
शास्त्रों में यह कहा गया है कि इंसान को कभी भी निर्वस्त्र होकर स्नान नहीं करना चाहिए। इसके पीछे शास्त्रों में कारण बताए गए हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार एक बार निर्वस्त्र होकर स्नान कर रही गोपियों के वस्त्र भगवान श्री कृष्ण ने छिपा दिए थे और उन्हें समझाया था कि बिना वस्त्र धारण किए स्नान नहीं करना चाहिए।
भगवान कृष्ण ने गोपियों को समझाया था कि इससे जल के देवता वरुण का अपमान होता है और व्यस्त हो जाते हैं। इसीलिए कभी भी निवस्त्र हो कर स्नान नहीं करना चाहिए। शास्त्रों के मुताबिक अगर आप निर्वस्त्र होकर स्नान करते हैं तो इससे नकारात्मकता आती है मन दुखी होता है और मन विचलित रहता है। इसके साथ ही शास्त्रों में यह भी बताया गया है कि वैसे लोग जो बिना कपड़ों के स्नान करते हैं।
उनसे मां लक्ष्मी भी नाराज हो जाती हैं और उस व्यक्ति के घर में हमेशा धन की कमी बनी रहती है। शास्त्रों के मुताबिक बिना कपड़ों के स्नान करना पितृ दोष का भी कारण बनता है। इसलिए शास्त्रों में कहा गया है कि बिना कपड़ों के स्नान नहीं करना चाहिए अन्यथा इससे जीवन में कई प्रकार के काल कष्ट सामने आने लगते है।