पूर्व प्रधानमन्त्री मनमोहन सिंह ने लिखी पीएम मोदी को चिट्ठी, कोरोना पर दिए सुझाव

देश भर में फैले कोरोना वायरस ने अब तक ना जा ने कितनी जानें ले ली है हर दिन कोरोना नए रिकॉर्ड बना रहा है इस बीच पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने पीएम नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी है और वैक्सीनेशन को तेज करने का सुझाव दिया है. मनमोहन सिंह ने कहा, 45 साल से कम उम्र के लोगों के टीकाकरण की भी छूट दी जाए.इसके साथ ही मनमोहन सिंह ने कहा कि कितने लोगों को टीका लगा है, यह आंकड़ा ना देखकर हमें इस पर फोकस करना चाहिए कि आबादी के कितने फीसदी लोगों को टीका लगा है.

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के 5 अहम सुझाव –

पीएम मोदी को लिखी चिट्ठी में मनमोहन सिंह ने लिखा कि सबसे पहले सरकार को अगले छह महीने के लिए टीकों के दिए गए ऑर्डर, किस तरह से टीके राज्यों के बीच वितरित होंगे, इस बारे में बताना चाहिए.उन्होंने कहा, ”सरकार को यह बताना चाहिए कि अलग-अलग वैक्सीन उत्पादकों को कितने ऑर्डर दिए गए हैं, जिन्होंने अगले छह महीने में डिलीवरी का वादा किया है. यदि हम लक्षित संख्या में लोगों को टीका लगाना चाहते हैं तो हमें अडवांस में पर्याप्त ऑर्डर देने चाहिए ताकि उत्पादक समय से आपूर्ति कर सकें.”
दूसरी सलाह में पूर्व पीएम ने कहा, ”सरकार को यह बताना चाहिए कि इन संभावित टीकों का वितरण राज्यों के बीच किस तरह पारदर्शी फॉर्मूले के आधार पर किया जाएगा. केंद्र सरकार 10 फीसदी आपातकालीन जरूरत के लिए रख सकती है, लेकिन बाकी का राज्यों को साफ सिग्नल मिले ताकि वे उस तरह टीकाकरण की योजना बना सकें.”

तीसरी सलाह में पूर्व पीएम ने कहा है कि राज्यों को यह छूट दी जाए कि वे फ्रंटलाइन वर्कर्स की कैटिगरी तय करें, जिन्हें 45 साल से कम उम्र के बावजूद टीका लगाया जा सके उदाहरण के तौर पर राज्य स्कूल टीचर, बस, थ्री व्हीलर और टैक्सी ड्राइवर्स, म्यूनिसिपल और पंचायत कर्मियों और वकीलों को टीका लगाना चाहेंगे. 45 साल से कम उम्र के बावजूद इन्हें टीका लगाया जा सकता है.

चौथा सुझाव देते हुए मनमोहन सिंह ने कहा कि, ” पिछले कुछ दशकों में भारत सबसे बड़े वैक्सीन उत्पादक के रूप में उभरा है अधिकांश क्षमता निजी क्षेत्र में हैं जनस्वास्थ्य के लिए मौजूदा आपात स्थिति में भारत सरकार को वैक्सीन उत्पादकों को मदद देनी चाहिए, ताकि वे तेजी से मैन्युफैक्चरिंग क्षमता का विस्तार कर सकें. इसके लिए कंपनियों को फंड और छूट देने की सलाह दी”
पांचवा और अंतिम सुझाव देते हुए पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने कहा कि, “वैक्सीन के घरेलू आपूर्तिकर्ता सीमित हैं, इसलिए ऐसे किसी भी टीके जिसे यूरोपीय मेडिकल एजेंसी या यूएसएफडीए ने मंजूरी दी हो, देश में आयात की मंजूरी देनी चाहिए. इसके लिए देश में ट्रायल के बिना ही उन्हें मंजूरी देनी चाहिए आपात स्थिति में यह छूट न्यायोजित है.”

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