जानिए सोयाबीन की नई कीट प्रतिरोधी किस्म के बारे में, मिलेगा बढ़िया उत्पादन

भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के एक स्वायत्त संस्थान एमएसीएस-अग्रहार रिसर्च इंस्टीट्यूट (ARI), पुणे के वैज्ञानिक भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR), नई दिल्ली के सहयोग से सोयाबीन की अधिक उपज देने वाली किस्मों को विकसित किया है, साथ ही सोयाबीन की खेती के उन्नत तरीकों को भी तैयार किया है। जिसकी खेती करने पर किसानों का कीटनाशक और दवाओं का खर्चा बचेगा और उत्पादन भी अच्छा मिलेगा।
इस अनुसंधान का नेतृत्व करने वाले आघारकर रिसर्च इंस्टीट्यूट (ARI) के वैज्ञानिक संतोष जयभाई ने कहा कि एमएसीएस 1407 ने सबसे अच्छी जांच किस्म की तुलना में उपज में 17 प्रतिशत की वृद्धि की और योग्य किस्मों के मुकाबले 14 से 19 प्रतिशत अधिक उपज लाभ दिखाया। उन्होंने कहा, “अभी तक सोयाबीन की खेती मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र जैसे ज्यादातर होती है, इस नई किस्म को हमने असम, पश्चिम बंगाल, झारखंड, छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों के लिए विकसित किया है। अभी तक जिन किस्मों की खेती इन क्षेत्रों में होती थी, उनसे ये किस्म कई मामलों में बेहतर है।”
आघारकर रिसर्च इंस्टीट्यूट (ARI) के वैज्ञानिक संतोष जयभाई के अनुसार, सोयाबीन की यह किस्म बिना किसी उपज हानि के 20 जून से 5 जुलाई के दौरान बुआई के लिए अत्यधिक अनुकूल है, यह इसे अन्य किस्मों की तुलना में मानसून की अनिश्चितताओं का अधिक प्रतिरोधी बनाता है।
यह नई किस्म हानिकारक किट जैसे – गर्डल बीटल, लीफ माइनर, लीफ रोलर, स्टेम फ्लाई, एफिड्स, व्हाइट फ्लाई और डिफोलिएटर जैसे प्रमुख कीट-पतंगों का प्रतिरोधी भी है। ये किस्म 104 दिनों में तैयार हो जाती है और प्रति हेक्टेयर 39 क्विंटल मिलता है। जहां पर वर्षा आधारित खेती होती है वहां के लिए किस्म सही है। इसका मोटा तना, जमीन से ऊपर (7 सेमी) फली सम्मिलन और फली बिखरने का प्रतिरोधी होना इसे यांत्रिक कटाई के लिए भी उपयुक्त बनाता है। यह पूर्वोत्तर भारत की वर्षा आधारित परिस्थितियों के लिए उपयुक्त है।
सोयाबीन एमएसीएस 1407 को 50 प्रतिशत फूलों के कुसुमित होने के लिए औसतन 43 दिनों की जरूरत होती है और इसे परिपक्व होने में बुआई की तारीख से 104 दिन लगते हैं। इसमें सफेद रंग के फूल, पीले रंग के बीज और काले हिलम होते हैं। इसके बीजों में 19.81 प्रतिशत तेल की मात्रा, 41 प्रतिशत प्रोटीन की मात्रा होती है और यह अच्छी अंकुरण क्षमता दर्शाती है।

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