आज भी दिल्ली-एनसीआर की हवा में किसी तरह का सुधार नहीं है और वायु की गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ श्रेणी में है। ख़बरों के मुताबिक़ आने वाले दो दिनों में हवा की रफ्तार के बढ़ने से वायु गुणवत्ता में सुधार आ सकता है। सफर के अनुसार पास राज्यों में करीब 1077 जगहों पर पराली जलाई गई है, जिससे पीएम 2.5 उत्पन्न होता है और प्रदूषण के हिस्से में पीएम 2.5 की हिस्सेदारी तीन फीसदी है। SAFAR के अनुसार आज दिल्ली-एनसीआर के वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी AQI 355 है।
हवाओं का रुख बदलने से बिगड़े हालात
बता दें कि पड़ोसी राज्यों से आ रही हवाओं के रूख के बदलते ही दिल्ली-एनसीआर के भी हालात बिगड़े। जो हवाएं बीते दिनों से पूर्वी दिशा में चल रही थी वह शुक्रवार को उत्तर-पश्चिम दिशा के तरफ हो गई। और रुख बदलते ही हरियाणा स्थित बहादुरगढ़ देश का सबसे अधिक प्रदूषित शहर रिकॉर्ड किया गया जहां ग्रेटर नोएडा सबसे प्रदूषित शहर की सूची में दूसरे स्थान पर है, और तीसरे नंबर पर दिल्ली है।
दिल्ली की सतह पर चल रही हवाओं व उत्तर-पश्चिम की ओर से आने वाली हवाओं की रफ्तार बहुत कम है। इसी कारणवश प्रदूषकों को फैलने में सहायता नहीं मिल पा रही है। सफर के पूर्वानुमान के मुताबिक़ आने वाले दो दिनों में हवा की रफ्तार बढ़ने वाली है। कहा गया है कि 21 नवंबर से तेज हवा चलने के वजह से प्रदूषकों को फैलने में सहायता मिलेगी, और वायु गुणवत्ता में भी सुधार होगा।
भारतीय उष्णदेशीय मौसम विज्ञान संस्थान के अनुसार शुक्रवार को मिक्सिंग हाइट 1100 मीटर थी। वहीं दूसरी ओर वेंटिलेशन इंडेक्स को दो हजार वर्ग मीटर प्रति सेकेंड था। रिपोर्ट के मुताबिक आने वाले 24 घंटे में मिक्सिंग हाइट में कमी नज़र आ सकती है हालांकि हवा की रफ़्तार 8 से 10 किलोमीटर प्रति घंटा तक होगी जिससे प्रदूषण में कमी आएगी।
ग्रेटर नोएडा के AQI में 74 अंकों की बढ़ोतरी
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड(सीपीसीबी) के अनुसार शुक्रवार को राजधानी की वायु गुणवत्ता सूचकांक 380 था। और गुरूवार को 347 रिकॉर्ड हुआ था। बता दें कि बहादुरगढ़ के साथ ही साथ ग्रेटर नोएडा के भी हालात बेहद खराब है जहां की AQI 382 है। और बीते एक दिन के मुताबिक़ इसमें 74 अंकों की बढ़ोतरी देखी गई है। दूसरी ओर गुरुग्राम, नोएडा, गाजियाबाद और फरीदाबाद की भी हवाएं बहुत खराब श्रेणी में हैं।