जिमनामा सिल्वेस्टर (Gymnema Sylvestre) जिसे हम और आप गुड़मार के नाम से जानते हैं। गुड़मार के फायदे बहुत अधिक होते हैं क्योंकि यह एक आयुर्वेदिक औषधीय पेड़ है। जिसका उपयोग सदियों से मधुमेह (diabetes) के उपचार के लिए आयुर्वेद में बड़ी मात्रा में किया जाता है। यह जड़ी बूटी उष्णकटिबंधीय जंगलों में पाई जाती है। गुड़मार का उपयोग मूत्र संबंधी परेशानियों (urinary tract ), मोटापा, चयापचय, खांसी, सांस लेने की समस्या, आंखों की समस्या, अल्सर, पेट दर्द जैसी कई बीमारियों को दूर करने के लिए किया जाता है।
आयुर्वेद में गुड़मार को रामबाण औषधि कहा जाता है। यह भारत के मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ समेत कई राज्यों में पाया जाता है। इसके अलावा ऑस्ट्रेलिया अफ्रीका और चीन में भी गुड़मार आसानी से मिल जाता है। इसका नाम गुड़मार मिठास खत्म करने के चलते रखा गया है।
क्या है गुड़मार (Gymnema sylvestre)
गुड़मार (Gymnema sylvestre) एक औषधीय पौधा है जो मध्य भारत (मध्य प्रदेश), दक्षिण भारत और श्रीलंका का देशज है। यह बेल (लता) के रूप में होता है। इसकी पत्ती को खा लेने पर किसी भी मीठी चीज का स्वाद लगभग एक घंटे तक के लिए समाप्त हो जाता है। इसे खाने के बाद गुड़ या चीनी की मिठास खत्म हो जाती है और वह खाने पर रेत के समान लगती है। इस विशेषता के कारण स्थानीय लोग इसे गुड़मार के नाम से पुकारते हैं। मधुमेह में इसका उपयोग प्रायः किया जाता है।
जानिए क्या है गुड़मार के फायदे:
गुडमार की पत्तियों का सेवन करने से इंसुलिन निर्भर मधुमेह मेलिटस के रोगीयों का इलाज होता है। और टाइप 1 के उपचार में इसका संभावित उपयोग इसे रोकने और इलाज करने में मदद करता है।
गुड़मार में जिमनामिक एसिड मानव शरीर में उपस्थित एक प्रोटीन एंजियोटेंसिन ll (angiotensin II) जो रक्तचाप को बढ़ाने के लिए जिम्मेदार होता है, उसकी गतिविधियों को रोकने में मदद करता है और उच्च रक्तचाप को कम करने में मदद करता है।
गठिया रोग के प्रारंभिक स्तर में यदि गुड़मार का उपयोग किया जाता है तो यह गठिया रोग को विकसित होने से पहले ही रोक देता है। इसमें एंटी-इंफ्लामैट्री (anti-inflammatory) गुण होते हैं जो गठिया के उपचार में मदद करता है।
यह त्वचा में ल्यूकोडरर्मा (leucoderma) के लिए प्राकृतिक उपचार के रूप में जाना जाता है। गुड़मार पौधे का उपयोग अक्सर त्वचा सौंदर्य प्रसाधनों में किया जाता है। एंटीबैक्टीरियल (Antibacterial) गुणों की अच्छी मात्रा गुड़मार की पत्तियों में पाई जाती है जिनका उपयोग त्वचा विकारों और संक्रमणों के इलाज में किया जाता है।
गुड़मार में कुछ एंटीऑक्सीडेंट (antioxidant) गुण होते हैं जो हानिकारक कोलेस्ट्रोल और आंत में ट्राइग्लिसराइड्स के अवशोषण से बचाते हैं और कोलेस्ट्रोल के स्तर को कम करते हैं। गुड़मार की एंथैथोस्क्लेरोटिक क्षमता हृदय धमनियों में कोलेस्ट्रोल के द्वारा अवरोध को कम करने के लिए प्रयोग की जाती है।
जानिए क्या है गुड़मार के नुकसान:
जिन लोगों को दूध से एलर्जी होती है उन लोगों में गुड़मार का सेवन करने से प्रतिक्रिया (reactions) हो सकती है।
गर्भवती या स्तनपान (pregnant or lactating) कराने वाली महिलाओं और छोटे बच्चों के लिए इसे सुरक्षित नहीं माना जाता है। इसलिए इन्हें गुडमार का सेवन करने से बचना चाहिए।
वे लोग जो एंटी- हाइपरग्लेसेमिक दवाएं (hyperglycemic drugs) या मधुमेह के लिए अन्य दवाएं ले रहे हैं उन्हें इस जड़ी बूटी का उपयोग करने से बचना चाहिए।
अधिक मात्रा में गुड़मार का सेवन करने से यह आपके शरीर में कम रक्त शर्करा का कारण बन सकता है।